भूमि अपरदन और पोषक तत्वों का क्षरण भी कृषि योग्य भूमि के लिए बड़ा खतरा है ।
3.
भूमि अपरदन न हो इस बात पर भी ध्यान रहे क्योंकि अपरदन से उर्वरता क्षीण होती है ।
4.
इसके लिए खेतों में ऊँची मेढ बंदी करती चाहिए ताकि जल प्रवाह से भूमि अपरदन न हो सके ।
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1950 के आसपास मृदा संरक्षण विभाग ने इस क्षेत्रों में भूमि अपरदन रोकने के लिए काजू की खेती आरंभ की।
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1950 के आसपास मृदा संरक्षण विभाग ने इस क्षेत्रों में भूमि अपरदन रोकने के लिए काजू की खेती आरंभ की।
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1950 के आसपास मृदा संरक्षण विभाग ने इस क्षेत्रों में भूमि अपरदन रोकने के लिए काजू की खेती आरंभ की।
8.
भूमि अपरदन के कारण उत्पादन कम हो जाता है और उस स्थान में हटी मिट्टी में जहा जमा होती है, वहां भी मिट्टी हटाने पर काफी व्यय होता है ।
9.
सुभाष मित्तल सत्यम ने वृक्षों के द्वारा की जाने वाली प्राणियों की सेवा को प्रस्तुत कुण्डलिया में व्यक्त किया है-परम पिता की कृपा का, वृक्ष रूप साकार सभी प्राणियों के लिये, जीवन का आधार जीवन का आधार, नमी कर घन बरसाते वर्षा-जल गति रोक, भूमि जल सतह बढ़ाते भूमि अपरदन रोक, वृद्धि मृद-उर्वरता की ‘ सत्यम ' सचमुच वृक्ष, कृपा है परम पिता की।